जीवननदि
जीवननदि
1 min
84
कल की बात में क्या रखा है;
आज भी सुबह हुई है,
कौन मिला था कल मुझे;
याद तो मुझे आज ही नहीं हैं,
इतनी जल्दी कैसे कट जाए ज़िन्दगी;
की उम्र का हिसाब चंद मिनटों में आ गई,
सांस लेने का भी सुकून नहीं;
सारी ख़ुशी आज क्यों मुझसे रूठ गई,
नहीं अता पता कि क्या होगा;
आगे क्या होगी; या आज क्या होगा,
बस शुक्र रहे हमेशा भगवान की हात;
हमेशा रहे सर पे;दुआ मांगता फिरूंगा।