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Anindya Biswas

Romance

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Anindya Biswas

Romance

प्यार की मुशेरा

प्यार की मुशेरा

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ख्वाब हो तुम, या कोई खूबसूरत सा सपना,

मिले तो कल हो, पर लगते क्यों हो बरसों से अपने,

या हो तुम कोई मेरे खुदा की तस्वीर,

जो आयी है मेरे ज़िन्दगी में, बदलने मेरे हाथों की लकीर,


प्यार, मोहब्बत, हां दो शब्द सुनते तो थे,

पर थे इनके असली रूप से अनजान,

अब जो ज़िन्दगी में मिल गए हो तुम,

इन शब्दों को मिला है उनका ईमान,


हां पता हैं हमेशा दिल दुखाया हैं मैंने तुम्हारा,

क्यूँ, मत ही पूछो, अपनी लगती हो जो तुम हमारी,

हो तो तुम मेरे इश्क़ की तसव्वुर,

जिन पे होना चाहे मेरा दिल खो के चूर चूर,


आओ ना, अपने आगोश में इतना समेट लो मुझे,

तुम्हारे प्यार के दलदल में फंस जाऊं,

इतने करीब बुलाओ मुझे,

की होश भी ना रहे, दुआ भी असर ना करे,

ऐसा जन्नत दिखाओ ना मुझे।



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