मुलाकात न हुई !
मुलाकात न हुई !
तेरे शहर से हम चले आए,
पर तुझसे मुलाकात न हुई,
दिल अपना तेरे गली में छोड़ आए,
पर तुमसे मुलाकात न हुई।
बेचैनियों को हमने भी महसूस किया,
शायद तूने कई बार था उफ़ किया।
तेरी राहों से हम फिर लौट आए,
पर तुझसे मुलाकात न हुई।
उस शहर में कई लोगों का मेला था,
तेरे बिना दिल फिर अकेला था।
लाखों की भीड़ से निकल आए,
पर तुझसे मुलाकात न हुई।
हर कोने में हम झाक रहे थे,
लोग अजनबी की तरह ताक रहे थे।
कई दर पर तेरा जिक्र करते आए,
पर तुझसे मुलाकात न हुई।