Bhavesh Shah

Tragedy

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Bhavesh Shah

Tragedy

दर्द

दर्द

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अब और न संभालो मेरे हबीबो, रहने दो !

मुझे क़ातिल के हवाले कर दो, वहीं रहने दो !


सुना है आते रहेंगे खबर लेने वो हमारी हर शब

चरागारो कमबख्त अब ये इलाज़ रहने दो !


निकला है जो तीर मेरे ज़ख्म -ए -जिग़र से

वो उनकी अदा हैं, उसे वही रहने दो !


अब इस दिल का हम भी क्या करेंगे दोस्तों

उन्ही के काम आएगा, उन्ही के पास रहने दो !


हमारी हार के चर्चे फैले थे हर तरफ,

वो जीत कर भी कहते रहे, मज़ाक रहने दो !


उनकी रुसवाइयों का डर इस कदर सता गया

हम खुद ही पहुंचे मक़तल, उनसे कहा रहने दो !


क्या हुआ के जब से कलम पकड़ी हैं "भावेश"

बस यही एक काम हैं और बाकी काम रहने दो !


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