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अखबार पढ़ा जब मुर्गे जी ने

अखबार पढ़ा जब मुर्गे जी ने

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मुर्गे जी को मिला कहीं से

अख़बार पुराना एक

खबर सुनाकर सबको भैया

काम करूं मैं नेक।

खोज रहा खबरों में मुर्गा

जंगल पर्वत नदी की बातें

पर इनकी ना खबर थी कोई

ना ही फोटो छपी थी एक।

खबरें थीं बस लूट-पाट की

चोरी झूठ फ़रेब की

दुनिया के हर कोने में बस

दुर्घाटनाएं हुयीं अनेक।

खबरें पढ़ गुस्साया मुर्गा

अख़बार दिया फ़िर फ़ेंक

हवा में गर्दन ऊंची करके

बांग लगाई एक।


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