चेहरे का रंग बदलते वो, तो कोई गुमा ना था चेहरे का रंग बदलते वो, तो कोई गुमा ना था
झूठी तसल्लियों से फरेबों से आपके, मैं तंग आ चुका हूँ मुझे मार दीजिए। झूठी तसल्लियों से फरेबों से आपके, मैं तंग आ चुका हूँ मुझे मार दीजिए।
बस लूट पाट की झूठ फ़रेब की खबरें आती हैं अख़बार में । बस लूट पाट की झूठ फ़रेब की खबरें आती हैं अख़बार में ।
इस दुनिया में बहुत शोर बहुत फ़रेब है लेकिन मैं फिर भी इस ज़माने में हर किसी से मिलने चला हूँ .... इस दुनिया में बहुत शोर बहुत फ़रेब है लेकिन मैं फिर भी इस ज़माने में हर किसी से मिल...
र लगता हैं लोगों के इरादों से र लगता हैं लोगों के इरादों से
नीयत बदलती, इंसानियत नहीं। नीयत बदलती, इंसानियत नहीं।