र लगता हैं लोगों के इरादों से र लगता हैं लोगों के इरादों से
अब की बार होगी निर्णायक, अब की बार होगी निर्णायक,
छुपा लेती है वो अपने को पलकों के परदे में छुपा लेती है वो अपने को पलकों के परदे में
जीवन की इस चलती चक्री में, ना जाने कितने रिश्तों को, पीसकर उन्हें भुलाना पड़ता है।। जीवन की इस चलती चक्री में, ना जाने कितने रिश्तों को, पीसकर उन्हें भुलाना प...
रिश्तों में जो गांठ आए उससे पहले रिश्तों को संभालो रिश्तों में जो गांठ आए उससे पहले रिश्तों को संभालो
समय साक्षी है।...समय का तीखा सच यह भी है कि हम अपने चेहरे पे कई चेहरे चस्पां कर ज़िन्दगी के अलग अलग क़... समय साक्षी है।...समय का तीखा सच यह भी है कि हम अपने चेहरे पे कई चेहरे चस्पां कर ...