एक फुटपाथी कविता विद्वजनों के लिए
एक फुटपाथी कविता विद्वजनों के लिए
कविता
सफ़ेद बादल, सफ़ेद कबूतर
और भी बहुत कुछ जो सफ़ेद हैं
आँखों में चुभने लगे हैं कांटे बनकर|
आइए हम मदमस्त लहरों वाले समंदर की ओर प्रस्थान करें जहां रंग-बिरंगी मछलियाँ तमाम किस्म की रंगीन कविताएँ सुनाती मिलेंगी|
'काव्य-शास्त्र विनोदने कालो गच्छति धीमताम ....'
को चरितार्थ करते आधी उम्र बीत चुकी है
तुलसी, कबीर, प्रेमचंद, काफ्का, टालस्टॉय और गोर्की के 'क्लासिक'डोज से बौद्धिक हाजमा फेलियर होने लगा है।
इंटेलेक्चुअलिटी की सेहत संतुलित रहे
ज़रूरी है प्यारेलाल आवारा, मस्तराम लखनवी और जेम्स हेडली की मस्ती वाली गोली रात को बिस्तर पर जाने से पहले ले लें।
'तदभव', 'मंतव्य', 'पहल', 'लमही' के साथ चलते-चलते मुक्तिबोध, केदार, धूमिल, लीलाधरों को गुनगुनाते हुए
दिमाग के पांव थककर चूर न हो जाए
आइए हम 'दफ़ा -302,' अंगडाइयां', 'आजादलोक' और 'मोहिनी' जैसे अतिरिक्त ऊर्जा वाले इंजेक्शन लगवा लें।
बहुत हो चुका 'अहिल्या', 'माउंटेनमैन', 'पीकू', 'मसान', 'पार्च्ड', 'पिंक' पर चर्चा, कुचर्चा, संवाद, परिसंवाद, विचार-विमर्श
आइए हम अपनी अपनी बैठकों में 'लोनली लेडी', 'जंगल-क्वीन', 'स्वीट सिक्सटीन' को भी साथ बिठाकर दुलारें, पुचकारें
तब पता चलेगा जनाब किसमें कितना दम है।
ढाबों, चलताऊ किस्म के कॉफ़ीहाउसों में एक ही किस्म की चाय, कॉफ़ी, बीड़ी, सिगरेट से दोस्ती कब तक निभाएंगे?
चलें, चलते हैं बार, रेस्टोरेंट, नाचघरों में
जहां ब्लैकनाईट, बैगपाइपर, रॉयलस्टैग और डनहिल्स का याराना फ़िदा हुसैन के घोड़े पर बिठा कर माधुरी दीक्षित की गोद में पटक देगा।
कई कई माधुरियाँ गा उठेंगी समवेत स्वर में '......मेरा पिया घर आया ....'
पूछ भी सकती हैं, '......चोली के पीछे क्या है ....?
ज़वाब देने में कोई कठिनाई नहीं होगी
आप ज्ञान के स्मगलर हैं
बौद्धिकता के ठेकेदार हैं
साहित्य के माफिया हैं
समाज के झंडाबरदार हैं
धर्म के आशाराम हैं
तपाक से उत्तर दीजिएगा, ''चोली के पीछे बाज़ार है, खुला बाज़ार ..."
आप का कथन सच है
बाज़ार में कई दुकानें हैं, शो केश हैं,
जहाँ बिक रहे हैं थोक में, सस्ती दरों पर
धर्म, दर्शन, साहित्य, कला, प्रेम, नैतिकता वगैरह वगैरह
'मेड इन इंग्लैण्ड', 'मेड इन अमेरिका’, 'मेड इन पेरिस'
और होंगे हमारे लिए सर्वाधिक उपयोगी चीज - 'मुखौटे'
छोटे मुखौटे, बड़े मुखौटे, शरीफ मुखौटे, चालाक मुखौटे, रंग-बिरंगे मुखौटे, टिकाऊ मुखौटे, वारंटीड मुखौटे
ज़वाब सुनकर खुश हो जाएंगी माधुरियाँ
और आपके लिए नई नई चादरें बिछाने लगेंगी
चादरों पर सिलवटें पड़ने तक
जन्म लेंगी कई कई ऋचाएं,
कई कई कथा-कविताएँ
जन्म लेंगे कई कई श्लोक
रूखसती में थमा देंगी आपकी चहेती चीज -'मुखौटा'
***मार्टिन जॉन, अपर बेनियासोल, पोस्ट -आद्रा, जिला- पुरुलिया, पश्चिम बंगाल,723121, मो.09800940477