बैलगाड़ी
बैलगाड़ी
चर्र चूं चर्र चूं,
चर्र चूं चर्र चूं,
गीत सुनाए बैलगाड़ी।
ढेरों बोझा,
और सवारी,
पीठ पर लादे बैलगाड़ी।
चर्र चूं--
कच्ची हों
या पक्की सड़कें,
झूम कर जाए बैलगाड़ी,
गाँव शहर,
कस्बे के रस्ते,
नाप रही है बैलगाड़ी।
चर्र चूं---
सूखे जब
पहियों का तेल,
गा कर मांगे बैलगाड़ी।
थक जाते
जब इसके बैल,
रुक जाती है बैलगाड़ी।
चर्र चूं चर्र चूं,
चर्र चूं चर्र चूं,
गीत सुनाए बैलगाड़ी।