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Khushbu Pal

Children Stories Inspirational

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Khushbu Pal

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भारत माता की गौरव गाथा

भारत माता की गौरव गाथा

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भारत वर्ष की गौरव गाथा

हम चारों ओर फैलाएंगे

कण कण में यहाँ राम बसे हैं

जय श्री राम हम गायेंगे,

हर शख्स यहाँ मनमौजी है

जो परेशानियों में भी हँसता है

हर कन्या देवी का रूप यहाँ

हर घर में शिवालय बसता है,

देश प्रेम की हर जन के मन में

हम ज्वाला नयी जलाएंगे

भारत माता की गौरव गाथा

हम चारों ओर फैलाएंगे।

चाहें हैं हम सदा इस देश में

सौहार्दपूर्ण परिवेश रहे

आपस में रहें सब मिलजुल कर

रहे प्रेम भाव न द्वेष रहें,

कभी न फूट पड़े ह्रदयों में

सब मिल कर ऐसा प्रयास करें

धर्म- मजहब का भेद मिटाकर

बस बुराई का हम नाश करें,

मानवता का पाठ पढ़ाकर

अपना कर्तव्य निभाएंगे

भारत माता की गौरव गाथा

हम चारों ओर फैलाएंगे।


आये जो कोई आँच देश पर

हम अपनी जान लुटा देंगे

शान की खातिर देश की अपना

हम अस्तित्व मिटा देंगे,

दुश्मन कोई जो सरहद पर

बुरी नजर से झांकेगा

ऐसी करेंगे हालत उसकी

वो डर से थर-थर कांपेगा,

मान की खातिर भारत माँ की

अपना पूर्ण शौर्य दिखलायेंगे

भारत माता की गौरव गाथा

हम चारों ओर फैलाएंगे।

करे ले कोई लाख कोशिशें

मान न इसका मिटने देंगे

जान है जब तक इस शरीर में

दुश्मन को न टिकने देंगे,

गद्दारों को मिट्टी में मिलाकर

हम उन को धूल चटाएंगे

स्व-प्राणों की लगाकर बाजी

भारत माँ की शान बढ़ाएंगे,

होकर कुर्बान इस मिट्टी में

हम अपना जीवन धन्य बनायेंगे

भारत माता की गौरव गाथा

हम चारों ओर फैलाएंगे।

करते हैं वंदन इस माटी का

रक्त तिलक हम करते हैं

वचन प्रबद्ध गीता के हम हैं

अपने वतन पर मरते हैं,

सौगंध हमें इस मातृभूमि की

वंदन इसका नित गायेंगे

इस शरीर के अन्त तलक

हम अपना फर्ज निभाएंगे,

देश के हर गद्दारों को अब

जहन्नुम की राह दिखलायेंगे

भारत माता की गौरव गाथा

हम चारों ओर फैलाएंगे।

देश रक्षा हित बलिदान हुए जो

हम महिमा उनकी गाते हैं

उनके ही पद चिह्नों पर

हम अपने कदम बढ़ाते हैं,

सिंह के दांत गिने जिसने

उसके नाम से भारत देश हुआ

अहंकार से नहीं हम स्वाभिमान से

इस देश को गौरवशील बनाएंगे,

मात पिता का आशीष पाकर

इस देश का मान बचाएंगे

भारत माता की गौरव गाथा

हम चारों ओर फैलाएंगे।

तपोभूमि यह ऋषि मुनियों की

कर्म भूमि भगवान कृष्ण की है

हर मंदिर पावन धाम यहाँ का

जहाँ बजती मधुर धुन सी है

पूर्व से सूर्य उदय होता

पश्चिम में अस्त हो जाता है

गुणगान मेरी इस धरती का

सारा ही विश्व गाता है

गंगा यमुना सरस्वती की

पावन कथाएं हम गायेंगे

भारत माता की गौरव गाथा

हम चारों ओर फैलाएंगे।


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