STORYMIRROR

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy

3  

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy

चिनगारी

चिनगारी

1 min
140

ईश्क का तार अब टूटा है मेरा,

सनम ने साथ छोड़ दिया है मेरा,

जी रहा हूं दिल की तन्हाइयों में,

जीवन बर्बाद कर दिया है मेरा।


कैसी ये चिनगारी ईश्क में भड़की,

नफ़रत की आग उसके दिल में प्रगटी,

ज़लाकर नफ़रत की आग में मुझको,

जीवन बर्बाद कर दिया है मेरा।


दिल में प्यार से बसाया था उसको,

ईश्क की गज़ल सूनाता था उसको,

गज़ल का सुर मेरा बेसूरा करके,

जीवन बर्बाद कर दिया है मेरा।


विरह के आंसु बहा रहा हूं मै,

अकेला बना हूं सनम बिना मै,

बेवफ़ाई कर के सनम ने "मुरली",

जीवन बर्बाद कर दिया है मेरा।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance