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Ratna Kaul Bhardwaj

Romance

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Ratna Kaul Bhardwaj

Romance

गीत: शाम आई है

गीत: शाम आई है

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शाम आई है तपती हुई

जल रहा है देखो मेरा बदन

लबों पर देखो हाय-हाय है

अरे सनम कुछ करो जतन


रूह है प्यासी पास आओ

तुझ में मैं समा जाऊं

कोशश न कर दूर जाने की

ऐसा न हो मैं खफा होऊँ


लब मेरे गुलाबी प्यासे है

ज़िन्दगी भी है देखो पुकारती

कैसे मैं मदहोश न होऊँ

हर तरफ है तेरी आवाज़ गूंजती


क्या खुशी तुम पाओगे

जो हंसी मेरी छिन जाएगी

ज़िन्दगी दो दिन की है बाकी

जियें गर तो है अज़ीज़ बड़ी


लिखें चलो एक अनूठी सी

अपने प्यार की एक कहानी

दिलकश लिखें अपनी दिल्लगी

जो सदियों तक दोहराई जाएगी......



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