STORYMIRROR

Suraj Kumar Sahu

Romance

4  

Suraj Kumar Sahu

Romance

प्यार की याद

प्यार की याद

1 min
281

खुश रहने की खूब चाहत थी,

खुश थे भी जब तुझसे मुहब्बत थी,

आँखो में प्यार दिल में जगह ही जगह,

सच कहूं दिल को तुम्हारी जरूरत थी,

हाँ कुछ खो दिया मैंने तुम्हे खोकर खुद से,

तुम्हारा दिल मंदिर तुम प्यार की सच्ची मूरत थी|

अहसास नही हुआ क्या कष्ट आया तब,

तुम्हे परि कहूँ, या देवी या फिर सच्ची औरत थी,

नील न जाने कहाँ से लाएगा वो दिन फिर से,

जहाँ तुम ही दुनिया उसकी तुम ही शोहरत थी||


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance