प्यार की याद
प्यार की याद
खुश रहने की खूब चाहत थी,
खुश थे भी जब तुझसे मुहब्बत थी,
आँखो में प्यार दिल में जगह ही जगह,
सच कहूं दिल को तुम्हारी जरूरत थी,
हाँ कुछ खो दिया मैंने तुम्हे खोकर खुद से,
तुम्हारा दिल मंदिर तुम प्यार की सच्ची मूरत थी|
अहसास नही हुआ क्या कष्ट आया तब,
तुम्हे परि कहूँ, या देवी या फिर सच्ची औरत थी,
नील न जाने कहाँ से लाएगा वो दिन फिर से,
जहाँ तुम ही दुनिया उसकी तुम ही शोहरत थी||