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Suraj Kumar Sahu

Abstract Others

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Suraj Kumar Sahu

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जब परेशान मिले

जब परेशान मिले

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दूर तक देखें राह विरान मिले, 

जितने भी मिले अंजान मिले, 


कहते थे जरूरी उनके लिए हम, 

वक्त आया चेहरे पहचान मिले, 


जिन्हें लोरियों से सुलाया होगा, 

उनसे चुभते शब्द के बाण मिले, 


जिनसे उम्मीद खास थी हमें

वो चंद दिन के मेहमान मिले, 


खासमखास ने मुँह मोड़ा नील, 

बुरे वक्त में जब परेशान मिले। 


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