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Minal Aggarwal

Romance

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Minal Aggarwal

Romance

रिश्ता तुम्हीं से है

रिश्ता तुम्हीं से है

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तुम्हारे और 

मेरे 

दरमियान 

कुछ भी नहीं पर

रिश्ता तुम्हीं से है 

यह जीवन की डोर 

तुम संग ही बंधी है 

तुम ही मेरी परछाई हो 

तुम ही मेरा दर्पण 

तुम्हारे नाम 

मेरा यह जीवन है 

अर्पित 

तुम ही मेरे कृष्ण

तुम ही मेरे मधुबन 

तुम एक सुंदर स्वप्न से हो 

जो भोर होते ही 

आंख खुलते ही 

कहीं खो जाता है 

टूटकर दिल के ही किसी कोने में 

शायद बिखर जाता है लेकिन 

तुमको जब मैंने माना 

अपना तो 

हो तो फिर तुम एक सच ही 

अब इस सच को कैसे 

झुठला दूं 

जो दिल भी मुझे कहे 

बार बार कि 

अब रहने दो 

करो बस भी।


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