मुलाकात यादं करने लगा हुं
मुलाकात यादं करने लगा हुं
वो पहेली मुलाकात याद करने लगा हूँ
खुद से दूर में तुम्हें अब जानने लगा हूँ
तेरी बातों को बिन कहे समझने लगा हूँ
तेरी फिक्र खूद से ज्यादा करने लगा हूँ
कि अब तेरा ही इंतजार करने लगा हूँ
तेरी यादों में दिन-रात बिताने लगा हूँ
अब मिलो कि इजहार अपना कर दूँगा
तुम्हारे इकरार की खुशियां जहां में बाटूंगा।

