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Harsh Kanojiya

Tragedy

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Harsh Kanojiya

Tragedy

कदम कदम पे इतने अनुभव मिले

कदम कदम पे इतने अनुभव मिले

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कदम कदम पे इतने अनुभव मिले


कोई हंसता कोई रोता हुआ मिले

वैभवी थे कई महल के घनी देखे

और वही झोंपड़ों में रहते भी देखे

महलों कि नींदो में भी बेचैनी देखी

झोंपड़ों में सोया कोई चैन से देखा


कदम कदम पे इतने अनुभव मिले


एक चेहरे पे कई चेहरे लगाए मिले

एक हाथ में थे फूल कई तारीफ़ के

एक हाथ में लिए खंजर शैतान मिले

मेरे जो अपने साथी वही बेगाने थे

अनजाने कई जो अपने बन ठहर गए


कदम कदम पे इतने अनुभव मिले  


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