STORYMIRROR

Harsh Kanojiya

Tragedy Others

3  

Harsh Kanojiya

Tragedy Others

तुम साथ नहीं

तुम साथ नहीं

1 min
152

अब तो कट जाती हैं रातें यादों में

तुम साथ थे जब वो रात अलग थी

ख़ुद से ज्यादा तुम्हारी फिक्र रहतीं

पर अब ख़ुद कि भी नहीं रहतीं है


तन्हा रहना अब भा गया है हमको

तुम्हें अब हमारी जरूरत जो ना रही 

अब तो मैं और मेरी कलम है साथ


जीने को अब कविताएं ही तो रही

लीख देता हूं थोड़ा ख़ुद को तुझको

पर मैं तुम्हें अब मेरे साथ नहीं लिखता।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy