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pooja Trivedi Raval

Tragedy

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pooja Trivedi Raval

Tragedy

किस्से दिल के दर्द के

किस्से दिल के दर्द के

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दिल के सारे दर्द जुबान से कहां बयां होते हैं;

यह तो बस हम हैं, लोगों से वह कहां खफा होते हैं।


आंखों के रास्ते से बह जाते हैं दर्द आंसू बनकर,

अब कहां आते हैं वह हमारे हमदर्द बनकर।


खफा है वह के हमराज हमारा कोई और है;

कैसे समझाए हमसाया हमारा ना कोई और है।


बड़ी मिन्नतों से संभालते हैं हम इस टूटे हुए दिल को;

और वो कहते हैं भा गया है कोई हमारे बेवफा दिल को।


होठों पर 'स्मित' की परछाई आज भी हम रखते हैं;

तसव्वूर में उनका आना आज भी हम देखते हैं।


ना हीं हम उस मोड़ पर ठहर सके ना हीं आगे बढ़ सके;

इस दर्दे दिल को ना हम दिल से दफा कर सकें।


उम्मीद हमारी हमारे अपनों ने इस कदर तोड़ी है;

हमने पूरी दुनिया से ही उम्मीद छोड़ी है।


आफताब वह हमारी दुनिया का हुआ करते थे;

आजकल उनकी यादों के किस्से दिल के कोने में दफन करते हैं।


ना कोई गिला है ना कोई शिकवा है ऐसे ही हैं हम;

अब तो बस जिंदगी काटनी है यादों के सहारे हैं हम।


बयां नहीं करते जबां से पर कलम से हम सब कुछ कह जाते हैं;

भरी महफिल में 'स्मित' हम तेरे यह किस्से सुनाए जाते हैं।


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