मनुजता के गहनों को हमने जो तोड़ा है, पल-पल मानवता सिसकियाँ ले रही है; रे मन ! आज फिर, मनुष्यता ख... मनुजता के गहनों को हमने जो तोड़ा है, पल-पल मानवता सिसकियाँ ले रही है; रे मन ...
खुल गया है वो दरवाजा जो सदियों से बन्द था। खुल गया है वो दरवाजा जो सदियों से बन्द था।
महलों कि नींदो में भी बेचैनी देखी झोंपड़ों में सोया कोई चैन से देखा महलों कि नींदो में भी बेचैनी देखी झोंपड़ों में सोया कोई चैन से देखा
तब.. धर्मों को गढ़ा जातियों को जन्म दिया परम्पराओं की दुहाई दी! तब.. धर्मों को गढ़ा जातियों को जन्म दिया परम्पराओं की दुहाई दी!
दया मनुष्य की प्रवृति है। दया करुणा भी कहलाती है. दया मनुष्य की प्रवृति है। दया करुणा भी कहलाती है.