ईश्वर की खोज जारी है..
ईश्वर की खोज जारी है..
मनमुटाव तो शुरुआत से ही रहा..
इसीलिए खींच दी गई
लक्ष्मण-रेखाएं ,
ईश्वर को ढूंढा गया
उससे मिन्नतें-मनुहार की ,
फैसला तब भी न हुआ !!
तब..
धर्मों को गढ़ा
जातियों को जन्म दिया
परम्पराओं की दुहाई दी
बंटवारा किया गया सभ्यताओं का भी और
मनुष्यता कटघरे में ही रही !!
आरोप-प्रत्यारोप किए..
ईश्वर को दोषी करार दिया गया
कभी प्रश्न उठाए गए
उसके होने-न होने पर भी..
इसीलिए
स्वयं को भी ईश्वर घोषित किया..
समस्याएं जस की तस !!
सुनो
ईश्वर की खोज जारी है !!