अंधे रेवड़ी बांटने में लगे
अंधे रेवड़ी बांटने में लगे
अंधे रेवड़ी बांटने में लगे
पहचान के सब कद्रदान
हिंदुस्तान में चमका रहे वो
शिक्षा की अजब दुकान
समाचार के नाम पर परोस
रहे सब मनमाने तथ्य कथ्य
ऐसे में संशय घन से घिरने
को विवश देश में अब सत्य
समाज में झूठों की भरमार
पद दलित अवस्था में सत्य
नैतिक मूल्य तार तार करने
वाले समझें खुद को ही धन्य
जादू की इस दुनिया में करते
वो लोग ही जमकर पैरोकारी
जो हाथ की सफाई में मानते
खुद को सबसे बड़ा खिलाड़ी।
