मौका नहीं देती
मौका नहीं देती
यादों की बारिश में
भिंगने से बचता हूँ
सूखने का मौका नहीं देती
बहा ले जाती है
सैलाब में दर्द के
रुकने का मौका नहीं देती ।।0।।
फंसा लेती है
जाल में अपनी
भावनाएं
थी अपनी
ऐसे ही तड़पनी
संपर्क तोड़कर
दिमाग की ओर
झुकने का मौका नहीं देती
बहा ले जाती है
सैलाब में दर्द के
रुकने का मौका नहीं देती ।।1।।
अमल करना चाहा
तेरी राह से ना गुजरूँ
इस तरह सोच के देखा
तेरी नजर से उतरूँ
राह बदल दूँ तेरे
दिल से गुजरती इसे
चुकने का मौका नहीं देती
बहा ले जाती है
सैलाब में दर्द के
रुकने का मौका नहीं देती ।।2।।