ढुंढ लेता हूं
ढुंढ लेता हूं
तुफानी लहेरोमे मै
किनारा ढुंढ लेता हू
अपने मतलब का मै
इशारा ढुंढ लेता हू || 0 ||
तन्हा दिखता हू तो क्या
अकेला ना समझना मुझे
तो क्या हुआ गर दोस्त
सपने है मेरे बुझे
गैरोमे भी अपना सा
सहारा ढुंढ लेता हू
अपने मतलब का मै
इशारा ढुंढ लेता हू || 1 ||
खामोशी को चिरती
तनहाई की आवाज हू
कोई नहीं समझ पाया
वो एक राज हू
आग लगा दे सोच की वो
शरारा ढुंढ लेता हू
अपने मतलब का मै
इशारा ढुंढ लेता हू || 2 ||
जुल्म की दिवारो मे
चुनवा दी है हसरते कई
रसमो की गलियोंमे रोज
लगती है बोली नई
आँखो को अच्छा लगे वो
नजारा ढुंढ लेता हू
अपने मतलब का मै
इशारा ढुंढ लेता हू || 3 ||
