तुम्हारी यादें
तुम्हारी यादें


तुम्हारी यादें
हरपल मुझे बैचेन करती हैं।
मैं जिस भी मोड़ से गुजरूं
वो घेर लेती हैं।।
कल्पनाओं के गहरे सागर में
मन की नदियाँ डुबकी लेती हैं।
चल रहे किस राह
समझदारी भरी बातें दूर रहती हैं।।
तोड़कर भी नाता,जिंदगी की घड़ियां
सुकून से बेघर रहती हैं।
तुम्हारी ही यादों का मोल भाव
दुःख और सुख की वजह देती हैं।।