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Prakruti Shah 'Preet'

Romance

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Prakruti Shah 'Preet'

Romance

प्रीत

प्रीत

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ना तुझे पाने की चाहत, ना तुझे खोने का डर,

ख्वाहिश है बस तेरे साथ की हर पल।

जिंदगी के हर लम्हों में तू है बसा,

अहेसास ही काफी है तेरी मौजूदगी का ।

तेरी एक प्यारी सी मुस्कान और शरारती आँखें,

काफी है हम को करने को मदहोश।

कैसे दिलाये अहेसास अपनी चाहत का,

बाकी रह गया है अब लफ़्ज़ों को करना खामोश ।

वादा है तुमसे, आखरी साँस तक 'प्रीत' का,

बस पहचान लो, एक बार दर्द मेरी चाहत का ।


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