शायद यही प्यार है...
शायद यही प्यार है...
शायद यही प्यार है ...
जो दिल की गहराईयों से गुजरकर ,
दिल में धडकता है ...
शहनाईयो की तरह ,
साँसो में बजता है...
खुशनुमा करता है दिल का आलम,
हर चिज में बसता है ,
आँखोमे में निखरकर ,
आईने में दिखता है ...
दर्द भी देता है तो ,
अपना सा लगता है ,
रौंदकर जाये अगर तु,
तेरी ही आह भरता है ...
तु देता है सुकून ,
तड़पन भी देता है ,
ये कैसा जख्म है दिल का,
जो प्यार से मिलता है ,
शायद यही प्यार है ...

