और मिलने का वादा...
और मिलने का वादा...
मुझे छोडके जाना तुम्हारे लिये
इतना भी आसान ना हुआँ होगा
चलते चलते जब याद आए हमारी
उन आँखे नें दर्द कितना सहा होगा...
मैं भुल जाऊगाँ तुम भी भुल जाओ
ये कहने से पहले दिल रोया होगा
नही युही पुछ लिया हमने अब क्या फायदा
नुकसान तुम्हारा भी बराबर हुआँ होगा ...
अब हम उस रास्ते को टालते है कसम से
तुमने भी तो रास्ता बदल दिया होगा
कही मिल जाऊँ तो दिल धडकेगा फिरसे
इसलिये शायद धडकना बंद हुआँ होगा ...
अब ना आना चौखट पर मेरी कभी भी
इल्जाम तुमपर भी जमानेने दिया होगा
मै खुश हूँ मिट गया गिला शिकवा सभी
हमारे सिवा मिलने का वादा किसीसे किया ना होगा ...

