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Manisha Wandhare

Abstract Romance

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Manisha Wandhare

Abstract Romance

कहाँ बदला है

कहाँ बदला है

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वो कहते हैं कि जमाना बदल गया,

लेकिन हमे तो,

अभी वही दिखता है जो पहले था,

पहिली नजर में ही किसी को,

किसी से प्यार हो जाना,

देखते ही उसे दिल का खिल जाना,


आँखो की आँखो से हजारो बाते,

मिलते ही नजर का नजरे झुक जाना,

दूर किसी कोनेसे उसी को ढुढँना,

अभी तो वही है कहा बदला है,

जमाना वही है प्यार का ...

एक दुसरे से न बोल कर भी,

रास्ता होता है प्यार का,

फिर उनकी यादों में,


रातो का कट जाना,

नींद ना आये रातो मे,

दिन का भी बेचैन होना,

वही होता है चाँद सुरज,

फिर भी नया नया मौसम का खिलना,


एक दुसरे के दीदार के लिए,

हर वक्त हर लम्हा तडपना,

अभी तो वही है कहा बदला है,

जमाना वही है प्यार का ...

प्यार का इकरार होना,

तभी यही था आज भी यही है,

दिल का ऐसा खिल जाना,


आसमान में चांदनी का जगमगाना,

रात की कागज पे,

दिल की कविता बन जाना,

अभी तो वही है कहा बदला है,

जमाना वही है प्यार का ...

कहा बदला है और कुछ,


तभी यही था आज भी यही है,

एहसास प्यार का तभी यही था,

आज भी यही है ...


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