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Dr pratap Mohan "bhartiya "

Romance

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Dr pratap Mohan "bhartiya "

Romance

प्रेम

प्रेम

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प्रेम तो हम 

हर रोज करते हैं।

शुरू से लेकर आज तक

केवल तुम पर मरते हैं।

   

हम करते हैं तुमसे

सच्चा प्यार।

इसके बदले नही है

कोई तुमसे अपेक्षा यार।

   

प्यार का जवाब 

प्यार से दोगी

तो बहुत मजा आयेगा।

जिंदगी का ये सफर

हंसी खुशी कट जायेगा।

  

प्रेम किसी भी 

मनुष्य से हो सकता है

प्रकृति से हो सकता है

पालतू जानवरों,पक्षी से

हो सकता है।

प्रेम को किसी सीमा में 

नही बंधा जा सकता।

    

प्रेम करने का न

कोई समय होता है

न कोई दिन ।

प्रेम तभी करो 

जब कहे तुम्हारा दिल।

    

ऐसा करो प्रेम 

कि अमर हो जाय।

लैला - मजनू के बाद

लोग तुम्हारी दास्तां सुनाए।

         


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