sadhna Parmar
Romance
तुमसे मिलने का इन्तज़ार,
मिलते हीं बातें करने का मन,
मन हीं मन में कही सारे उमंग,
दिल में हो रही अजीब उलझन,
सारी रात का उलझनों वाला ख़्वाब,
आँख खुली तो सिर्फ एक एहसास।
तेरे मेरे सपन...
मुस्कुराना सी...
ख़ामोशी की जु...
सिर्फ तुम
यादें आँगन की
सोचा न था
शायद यही प्या...
अधूरी कहानी
दिल अब हमारा ...
हक़ नाहक़ तो ...
बोलती बंद, शर्म से आंखे झुक गई जब प्रीतम से आंखे चार हुई. बोलती बंद, शर्म से आंखे झुक गई जब प्रीतम से आंखे चार हुई.
तेरे बगैर नींद कभी ना आती जाने कैसे कट रही थी रातें । तेरे बगैर नींद कभी ना आती जाने कैसे कट रही थी रातें ।
जब बरसती है यादों की बूंदे ,छा जाती मिलने की लहर। जब बरसती है यादों की बूंदे ,छा जाती मिलने की लहर।
सुन्दर सुखद सुशील तन, बिखरे बिखरे केश । मुख पर जैसे आ बसा, सुंदरता का देश । सुन्दर सुखद सुशील तन, बिखरे बिखरे केश । मुख पर जैसे आ बसा, सुंदरता का देश ।
जिसके पास जाना होता है बस, पहुंच जाती है। जिसके पास जाना होता है बस, पहुंच जाती है।
सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नहीं।। सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नहीं।।
इन बादलों के पीछे, बारिश में आज भीगे बाहें फैला के, आँचल में बूंदों को हम सहेजे।। इन बादलों के पीछे, बारिश में आज भीगे बाहें फैला के, आँचल में बूंदों को हम सहे...
नींदें आई तो थीं बैरंग लौट भी गईं ख्वाबों ही ख्वाबों में तुझे देखता है। नींदें आई तो थीं बैरंग लौट भी गईं ख्वाबों ही ख्वाबों में तुझे देखता है।
जीवन में आए पतझड़ को फिर मधुमास बनाती हूँ तेरे ख्याल से। जीवन में आए पतझड़ को फिर मधुमास बनाती हूँ तेरे ख्याल से।
नव झंकार से भरा रहता था घर जब तुमने किया था गृह प्रवेश. नव झंकार से भरा रहता था घर जब तुमने किया था गृह प्रवेश.
पिया मिलन की आस नयन में जाग उठी लेकर नव प्यास।। पिया मिलन की आस नयन में जाग उठी लेकर नव प्यास।।
जाने क्या बात हुई जाने क्यों एक दिन तुम अचानक चले गये। जाने क्या बात हुई जाने क्यों एक दिन तुम अचानक चले गये।
तेरे एहसासों के सहारे ही जी रहे हम कुछ तो इशारा करो कहां हो तुम, तेरे एहसासों के सहारे ही जी रहे हम कुछ तो इशारा करो कहां हो तुम,
तुम्हारे द्वार का गुमसुम झरोखा याद आता है॥ तुम्हारे द्वार का गुमसुम झरोखा याद आता है॥
खींचती मनमोहक, कुदरत की सोहक, झीलों के सून ढूंढते हैं। खींचती मनमोहक, कुदरत की सोहक, झीलों के सून ढूंढते हैं।
करीब हो मगर पास नहीं इसमे बड़ी कोई बात नहीं। करीब हो मगर पास नहीं इसमे बड़ी कोई बात नहीं।
भूल चुके हैं जिनको हम याद फिर से आने लगे। भूल चुके हैं जिनको हम याद फिर से आने लगे।
उनके बारे में हरपल सोचना ग़लती है सिर्फ़ एक बार बता दो क्या ग़लती है मेरी ...? उनके बारे में हरपल सोचना ग़लती है सिर्फ़ एक बार बता दो क्या ग़लती है मेरी ...?
अब भी खुशबु तुम्हारी कुछ नयी सी महकती है तुम्हारी रूह आसपास ही होती है अब भी खुशबु तुम्हारी कुछ नयी सी महकती है तुम्हारी रूह आसपास ही होती है
तेरे साथ मिलन की जब उम्मीद जगती, खुली पलकों से तब सुबह की किरण दिखती। तेरे साथ मिलन की जब उम्मीद जगती, खुली पलकों से तब सुबह की किरण दिखती।