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sadhna Parmar

Romance

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sadhna Parmar

Romance

सिर्फ तुम

सिर्फ तुम

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मैंने कभी अपने ख़्वाबों में किसी और को देखा नहीं,

तुम्हारे सिवा,

मैंने अपना वक़्त कभी किसी और को दिया नहीं,

तुम्हारे सिवा,

मैंने अपनी हँसी और आँसू किसी और साथ बांटे नहीं,

तुम्हारे सिवा,

मैंने अपने दिल में कभी किसी और को बसाया नहीं,

तुम्हारे सिवा,

मैंने अपनी सारी ज़िन्दगी किसी और को सौंपी नहीं,

तुम्हारे सिवा।


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