Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Yukti Nagpal

Abstract Romance Others

4.8  

Yukti Nagpal

Abstract Romance Others

अधूरा इश्क़

अधूरा इश्क़

1 min
256


न इज़हार हुआ न बयां हुआ 

वो इश्क़ हमारे दरमियाँ न आसान हुआ 

साल गुज़ार दिए जिस बेनाम रिश्ते के सहारे 

ये भी न मालूम हुआ की वो एहसास 

सिर्फ हमे या उन्हें भी बेमिसाल हुआ !! 

 

उम्र बीत गई बेखुदी सी मोहब्बत करने में 

अगर ज़रा सा इश्क़ उसको भी था

तो आज चेहरा देखता होगा मेरा 

हर किसी में ! 


इंतज़ार है तुम्हारे लौट आने का 

इंतज़ार है तुम्हारा एक दीदार पाने का 

सालों के इस इंतज़ार को कुछ तो अंजाम देना 

मेरे "प्यार" को चाहे तुम 

फिर से दोस्ती का नाम दे देना ! 


इतना पत्थर दिल नहीं हो सकता 

वो खुदा 

मेरे ज़ख़्मों पर कुछ तो मरहम लगाएगा 

मोहब्बत न सही तो क्या 

एक मुलाकात की साजिश वो ज़रूर रचाएगा !!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract