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Yukti Nagpal

Tragedy

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Yukti Nagpal

Tragedy

खुदके लिए जीना भूल गए

खुदके लिए जीना भूल गए

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कभी आपको कुछ कह न सकी

दिल की बात जुबां तक ला न सकी

जितना प्यार आपको करती हूँ

उतना कभी किसी को कर न सकी !!


मेरा हर एक शौक पूरा किया

खुद की इच्छाओं का गला दबा दिया

जेब में पैसे न होने पर भी

मेरे बिना माँगे मुझे सब कुछ लाकर दे दिया !!


दस-दस रुपये जमा करके अपना घर चलाते हो

इतनी परेशानियों के बाद भी "उफ़्फ़" तक नहीं करते हो

न जाने किस मिट्टी के आप बने हो

हमें जीना सिखाते सिखाते आप खुद जीना भूल गए हो !!


एक आँसू न देखा आँखों में

आंसुओं को हर बार छिपा लिया करते हो !

दिल में दर्द और चेहरे पर मुस्कान लिए

आप किससे झूठ बोला करते हो ?


हमें खुला आसमान देकर क्यों आप खुद उड़ना भूल गए ?

पापा , क्यों आप खुदके लिए जीना भूल गए ??

पापा , क्यों आप खुदके लिए जीना भूल गए ??


साहित्याला गुण द्या
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