बेटियां
बेटियां
शिकायत का जो एक लफ्ज़ न लाए होठों पर
वो शांत सागर होती हैं बेटियां !
पर हिम्मत करे कोई देहलीज़ पार करने की
तो बहते पानी में लहरों के समान होती हैं बेटियां !!
माँ-बाप की खुशियों के लिए
हर दुःख जो सह जाए
वो होती हैं बेटियां
खुद आँखों में आंसू लेकर
सबको जो हँसा दे
वो होती हैं बेटियां !
माँ-बाप की इज़्ज़त के लिए अपना प्यार ठुकरा देती हैं
"बेवफा" होने के ताने भी वो चुप चाप सह लेती हैं !!
इतनी परेशानियों के बाद भी "उफ्फ़" तक न करती हैं
वो फिर भी उनको समझने की किसी से उम्मीद नहीं रखती हैं
खुदा देता भी बेटी उसकी गोद में है
जो हीरे को संभालने की हिम्मत रखते हैं !!