पापा तो वो चांद है, जिसकी शीतल छाया हम पर हैं। पापा तो वो चांद है, जिसकी शीतल छाया हम पर हैं।
पिता हर हाल में जीता है, बस परिवार की ख़ातिर। पिता हर हाल में जीता है, बस परिवार की ख़ातिर।
आशिर्वाद, स्नेह का यह बंधन सदियों तक छूटे न- आशिर्वाद, स्नेह का यह बंधन सदियों तक छूटे न-
कभी कुएं का शीतल पानी, कभी नदी की धार हो तुम . कभी कुएं का शीतल पानी, कभी नदी की धार हो तुम .
उँगली पकड के चलना सिखाया जब गिरी तो उठना और फिर से चलना सिखाया। उँगली पकड के चलना सिखाया जब गिरी तो उठना और फिर से चलना सिखाया।
जब तक हैं रफी के गाने तब तक होंगे पापा हमारे जेहेन् में। जब तक हैं रफी के गाने तब तक होंगे पापा हमारे जेहेन् में।