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Siva Sindhura B

Children Stories

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Siva Sindhura B

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यादों का डिब्बा

यादों का डिब्बा

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जब तक हैं रफी के गाने तब तक होंगे पापा हमारे जेहेन् में। 

बात बात मे लोगों को मिलाते चले। 

आपको खोने का इतना बड़ा झटका कुबूल न था। 

काम मे आपका निगरानी, वक़्त का होश, दुनियादारी जाया गया। 

इतनी ही जल्दी थी जाने का तो उतने सारे यादगार पल दिये क्यूँ-

हमारा कोई खोंट रहेंगे। 

जो कोई भी इतना प्यार देता वो दूर क्यों चले जाते। 

गिरे हुए पल मे आपके परिवार टूट् के बिखर तो गया। 

साथ ही मे हमारे ख्वाब भी। 

 फ़िर भी साथ देखे हुआ चार पल भी हमें अनमोल  है ।

हम आपके हैं कौन के गाने - आज भी आपके याद दिलाता है। 

गोल गप्पे, 

इतवार का सिनेमा, 

अलिफ् लैला। 

 मिठाई के डिब्बे जैसी

खूब सारी पल एक ही दिन मे छिन गए। 

आपके हाथ का खाया तंदूर चिकन बिरयानी ।

कैसे भूल के भी भूल न पाए। 

 वक़्त पे आपका नाज कैसे भूले। 

मगर आज सोचते तो ये ही सोचे की मेरा ये हाल शायद आपसे बर्दाश ना हो पाता। 

आप की तरह इमान को मान्  के चलेंगे।

 ज़िंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए। 

आपके दिये सीख 

"बच्चा सारा कुछ चला भी गया तो भी हिम्मत न खोना

अपना व्यक्तित्व को पहले डालो  बाद में सारों का नंबर् आयेगा! "

ये ज़िंदगी कि सच आपने पीछे छोड़ गये। 

तो यहीं हमारा यादों का डिब्बा है। 


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