दिल की हसरत
दिल की हसरत
तेरे इश्क़ की नमाज़
मैं हर रोज़ पढ़ता हूँ ..
चाहत को तेरी
मैं सज़दा करता हूँ ...
तेरे इश्क़ की नमाज़
मैं हर रोज़ पढ़ता हूँ ...
तू रहता है दिल मे
और दिल मेरा मुश्किल में
तू रहता है दिल में
और दिल मेरा मुश्किल में
ऐसे तूफानों से मैं
हर रोज़ गुज़रता हूँ ....
तेरे इश्क़ की नमाज़
मैं हर रोज़ पढ़ता हूँ ...
तेरे प्यार की तराबी
पढ़ता हूँ दुआओं में
तेरे प्यार की तराबी
पढ़ता हूँ दुआओं में
मैं ऐसी वफ़ाओं की
हर हद से गुजरता हूँ
तेरे इश्क़ की नमाज़
मैं हर रोज़ पढ़ता हूँ ....
तू मेरा मैं तेरा
बस इतना कहना है
तू मेरा मैं तेरा
बस इतना कहना है
मैं दिल की हसरत को
अब ज़ाहिर करता हूँ
तेरे इश्क़ की नमाज़
मैं हर रोज़ पढ़ता हूँ।