पुनर्मिलन
पुनर्मिलन
पुनर्मिलन की आस में उसके,
जिंदा है अब तक,
अपने दिलबर की एक झलक,
पाने की चाह है अब तक।
बरसो हुए दीदार हुए,
नयनों से नयना चार हुए,
ना तुमने बेवफाई की,
ना मैने था दगा दिया तुझको।
एक वक्त की दरकार थी,
तुम जुदा हुई थी मुझसे,
कसमें वादे धरे रह गए थे
उस वक्त की बयार में।
पुनर्मिलन की आस में तेरे,
जिंदा है अब तक।

