तुमसे है मधुमास
तुमसे है मधुमास
सुंदर मोहक ऋतु है आयी
मुझको नहीं मीत यह भायी
याद तुम्हारी हर क्षण आयी।
तुमसे ही खुशियाँ हैं जग में
फूल बिखेरे तुमने मन में
प्रेम भरा मेरी रग रग में।
तुमसे है मधुमास हृदय में
तुम्हीं हार में तुम्हीं विजय में
शुभ्र उजाले हैं हर शय में।
तुमसे निशा मधुर सी बीते
तुम्हें देख हम प्रियवर जीते
तुम बिन सुख के प्याले रीते।
तुम बिन अब मेरा कैसा जीवन
रुक रुक चलती मन की धड़कन
तुमसे कलियाँ महकें उपवन।

