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S N Sharma

Abstract Romance

4  

S N Sharma

Abstract Romance

तेरे परवानों में ।

तेरे परवानों में ।

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तुम्हारे वास्ते ही दिल बेकरार रहता है।

मेरी रग रग में सिर्फ तेरा प्यार रहता है।

कौन कहता कि निगाहें मेरी परे तुझ से।

मेरी चाहत को तेरा इंतजार रहता है।

तू कहीं भी रहे निगाहें खोज ही लेंगी।

तेरे हर और सिर्फ मेरा ही प्यार रहता है।

तेरी जुल्फें ये ओंठ और चांद सा चेहरा।

सांसों की महक पे दिल निसार रहता है।

तेरी ही आरजू है जुस्तजू भी मेरी तू है।

तेरे परवानों में ही मेरा शुमार रहता है।



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