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S N Sharma

Abstract Romance

4  

S N Sharma

Abstract Romance

तुमने एक बार भी।

तुमने एक बार भी।

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तुमने एक बार भी मुझको जो पुकारा होता।

मेरे जीवन का हर पल सिर्फ तुम्हारा होता।

मेरी धड़कन मेरी सांसों पर तेरे ही गीत सजे।

तेरी नजरों में भी ए सनम मेरा नजारा होता।

नाम तेरा सनम जब भी मेरे लबों पर आए है।

दिल के दर्पण में सजा अक्स तुम्हारा होता।

मेरी यादों के शहरों में तेरे सपनों की बस्ती में।

हर तरफ फैला सा दिलबर प्यार हमारा होता।

रात जब होगी तो रास्ते में गहरे अंधेरे  होंगे।

दीये की लौ में सजा सनम रूप तुम्हारा होता।



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