तुम्हीं बसीओ हदय के भवन,,।
तुम्हीं बसीओ हदय के भवन,,।
ऐसे ना देखो, ऐ श्याम सुमन
कि तुमको प्यार हो जाए..
अगर ये प्यार हुआ मोहन,
तो जीवन पार हो जाए.
अगर हम श्याम को मांगें तो,
क्या हमको श्याम मिलेंगे वहीं..
अगर मन मोहन चाहे तो,
क्या मोहन चाहेंगे कभी..
हदय में रहते मनमोहन,
हैं रहते प्रेम का मधुबन..
ये नयना उनकी छवि लिए,
ये ढूंढे अपने श्याम सुमन..
आकर इन नयनों में बस जाओ,
तुम्हीं बसो हृदय के भवन.......