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Shyam Kunvar Bharti

Romance

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Shyam Kunvar Bharti

Romance

हम सहने लगे

हम सहने लगे

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तेरे बेगैर तन्हा ही हम रहने लगे

याद तेरी अश्क आँखो से बहने लगे


हुआ रुसवा शहर कोई बात नहीं

लेके तेरा नाम आशिक कहने लगे


रुसवाइयों से कभी मैं डरता नहीं

बिछड़ न जाये बात हम डरने लगे

मैं आशिक तेरा कबूल करता हूँ मैं

आप साथ छोड़ मगर क्यो चलने लगे


साथ छोड़ दोगे कभी मैंने सोचा नहीं

लेके तेरा नाम पल पल यूं मरने लगे


सहने को सह लूँ हर ज़ुल्म मैं जमाने

तेरे इश्क हर सितम हम सहने लगे


लिखे जो कलाम ख्याल में तेरे हम

समझ तुझे बार बार उसे पढ़ने लगे


लौट आएगा तू मुझे यकीन है बहुत

रोज रातों ख़्वाब नए खूब सजने लगे



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