मेरी तन्हाई
मेरी तन्हाई
तन्हाई को मेरी तेरी बरसात
चाहिए
इंतजार के इस मुसाफिर को
मुकाम चाहिए
नहीं लड़ सकता अब ज़ालिम
जमाने के साथ तुम्हारे लिए मैं
क्योंकि मेरी
रूह को अब सुकून चाहिए
हमें आपकी मुलाकात का
इंतजार रहेगा
ना जाने पर दिल कुछ
कह भी पायेगा
ऐसा कहते तो है प्यार के लफ्ज़
आंखों से बयां होते है
इसलिए आपकी निगाहों को
हमारी निगाहों तक आना पड़ेगा
आप ही हमारे आसमान के
चाँद हो
आपके बिना मेरा ब्रम्हांड
अधूरा है
प्यार के लिए कोई लफ्ज़ नहीं
और जो लफ्ज़ों से बयां हो
वो प्यार नहीं
गुजरे हुए इस मंजर को
ए दिल तुझे भूलना होगा
सबकुछ छोड़ कर तुझे
आगे बढ़ना होगा
पीछे मुड़ना आसान है
तेरे लिए
पर आगे बढ़ना भी ज़रुरी
होगा क्योंकि
क्या पता कल आसमान
पर राज मेरा होगा
हमारा दर्द इतना आसान नहीं
जो सिर्फ आंसूओं से बह जाए
हमें जब दर्द ना होगा तब
आसमान रोयेगा

