बह जाये हम
बह जाये हम
साथ चलने का वादा करो
यूँ हमसे आहें ना भरो
साथ चलके पार करे ये दरिया
चाहत बानी रहे, बने एक दूजे के ज़रिया
कुछ कहता है झीलों का पानी
शुद्ध रहे हमारे प्यार की वाणी
आखों का इंतज़ार, अश्कों में तैरे
हम अपने ही है, नहीं कोई ऐरे-गैरे
दिलों में उमड़ रही मोहब्बत की लहरें
चलो बांधे एक दूजे के सिर पे सहरें
खो जाये हम इन प्यार भरी वादियों में
कोई और ना हो, हम जैसे इन सदियों में
भीग जाये आज, ना करो नया बहाना
बाहों का हार डालके, बना दो इसे गहना
चलो, कर दो अब इजहार
बीत ना जाए पल, तुमसे हे इकरार
आज आप से ये कह गए सनम
इस इश्क के झरने में ………………..
बह जाये हम