कहाँ हो, किधर हो, खबर कुछ नहीं
कहाँ हो, किधर हो, खबर कुछ नहीं
कहाँ हो, किधर हो, खबर कुछ नहीं है
मेरी ज़िंदगी पर, असर कुछ नहीं है
कभी सोंचता हुँ, तुम्हे सब बता दुुं
कसक चाहते बिन तेरे कुछ नहीं है
तुम्ही ज़िंदगी की ज़रूरत मेरी हो
मोहब्बत मे तेरा नज़र कुछ नहीं है
ज़माने की चाहत तुम्ही से मेरी है
तेरे बिन बग़ावत जिगर कुछ नहीं है
हक़ीकत है तुमसे मै सीखा मोहब्बत
दिवाने की हालत सनम कुछ नहीं है
तुम्ही ने दिया है कसम चाहतो मे
वफा दिलमे तेरे सनम कुछ नहीं है
तेरे लब की ख्वाहिश है दिलको हमारे
तेरे बिन हसीन रात भी कुछ नहीं है
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बहुत कह दिया दिलने तुमको हसीन अब
तेरे जैसा नाज़ुक़ सनम कुछ नहीं है
ग़लत बात होती सनम दिल दुखाना
मेरा ख्वाब तुमबिन सनम कुछ नहीं है
मेरी रूह मे ताज़गी प्यार तुम हो
तेरे बिन मेरे बांहो मे कुछ नहीं है
तडपने लगा दिल तेरी याद मे अब
मेरा प्यास तुम बिन सनम कुछ नहीं है
ईबादत समझना तुझे प्यार करना
तेरे बिन सफर ज़िंदगी कुछ नहीं है
बहुत पढ़ चुकी जानेमन मेरी गज़लें
मेरे लफ्ज़ तुमबिन सनम कुछ नहीं है
जलन मेरे सीने के अन्दर है तुमबिन
मिलन दिलका दिलसे सनम कुछ नहीं है।