अच्छी नहीं प्यार में. .
अच्छी नहीं प्यार में. .
अर्थी उठेगी जिस दिन हमारी,
गम-ए-आंख भर उठेंगी तुम्हारी।
गुजारिशें दुआ बन जायेंगी हमारी,
दर्द-ए-रात तन्हा बन जायेगी तुम्हारी।
हंसने की तबीब न रहेगी होंठो पर,
चलना होगा टूटी यादों के शीशों पर,
खुद तड़प उठोगे आईना देख कर,
अच्छी नहीं प्यार में रुखसतें शर्तों पर।