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Archana Sharma

Tragedy

4  

Archana Sharma

Tragedy

अन्तिम प्रणाम्

अन्तिम प्रणाम्

2 mins
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अंतिम प्रणाम है, आपको,

अब जा रही हूँ मैं।

रखना ख्याल अपना के,

अब जा रही हूँ मैं।


सात फेरो से जुड़ा जब ,

था जन्म बंधन।

सोचा नहीं था जाऊंगी यूं,

छोड़ कर हमदम।

ऐ हमसफर, इस सफर को

अब अकेले ही चलना है,

रखना ख्याल अपना के,

अब जा रही हूँ मैं।

अंतिम प्रणाम है, आपको,

अब जा रही हूँ मैं।।


सुबह उठ जाओ अपने आप,

इसकी आदत नहीं तुमको।

निकालो कपड़े जूते मोज़े,

इसकी आदत नहीं तुमको।

नाश्ता अपना अब खुद ही लगाना है,

रखना ख्याल अपना के,

अब जा रही हूँ मैं।

अंतिम प्रणाम है, आपको,

अब जा रही हूँ मैं।।


कभी चश्मा, कभी चाबी,

कभी बटुआ, कभी रुमाल,

कभी दवाई और कभी खाने का डिब्बा,

भूल जाने की आदत तुम्हारी है

सोने से पहले पानी का जग

अब तो याद खुद को खुद से ही दिलाना है,

रखना ख्याल अपना के,

अब जा रही हूँ मैं।

अंतिम प्रणाम है, आपको,

अब जा रही हूँ मैं।।


तुम खुद ही रोओगे,

तो कैसे चुप कराओगे,

संभालो बेटे को,

देखो के रोये जा रहा हैं ये,

मुझको बस एक टक देखे जा रहा हैं ये,

रोयेगी मुझको देख कर,

खुद को कैसे संभालेंगी

आएगी बिटिया तो उसे ढाढ़स बांधना है।

रखना ख्याल अपना के, 

अब जा रही हूँ मैं।

अंतिम प्रणाम है, आपको,

अब जा रही हूँ मैं।।


ना खुद को सँभाला है कभी,

ना बच्चों को सँभाला है,

हर बात को तुमने सदा 

मुझ पर ही टाला है।

बच्चों को सम्भालो और 

ना खुद को बिखरने दो

तुमको बिखरता ना मुझ से देखा जाएगा,

रखना ख्याल अपना के,

अब जा रही हूँ मैं।

अंतिम प्रणाम है, आपको,

अब जा रही हूँ मैं।


अंतिम बार कुछ मांगूँ,

तो बोलो दे सकोगे क्या,

मांगूँ तुमसे तुम्हारी ही ख़ुशी,

तो बोलो दे सकोगे क्या।

हौसला रखना ,ना खुद को,

टूटने देना

याद आए कभी,

तो चुप-चाप एक कोने में रो लेना,

अपने आँसुओं पर बांध अब खुद ही बनाना है

रखना ख्याल अपना के,

अब जा रही हूँ मैं।

अंतिम प्रणाम है, आपको,

अब जा रही हूँ मैं।।


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