Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Anshika Awasthi

Inspirational

4  

Anshika Awasthi

Inspirational

मुसाफिर

मुसाफिर

1 min
159


देशभक्ति के आलम में,

रणभूमि में सर कट जाना ,

ओ वीर मुसाफिर उठ जाग आज !

इस देश के खातिर मर जाना।।


भय के इस मंजर में 

अब वीर ज्योति का जल जाना,

कुर्बान हुए तो शान से होंगे 

यहां नाम अमर अब कर जाना,


ओ वीर मुसाफिर उठ जाग आज !

इस देश के खातिर मर जाना।।


होंगे टुकड़े अब दुश्मन के 

तुम पुष्प की माला लेे आना,

सर उठा शान से तिरंगे का 

अब कफ़न ओढ़ कर सो जाना ,


ओ वीर मुसाफिर उठ जाग आज !

इस देश के खातिर मर जाना।।


रख याद में मेरी सर की टोपी 

तुम , सम्मान गर्व से भर जाना,

उन अश्रु भरी आंखों के अंदर 

त्रि- रंग समाकर सो जाना, 

 

ओ वीर मुसाफिर उठ जाग आज !

इस देश के खातिर मर जाना।।2


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational